झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास की बेटी रेणु ने बताया कि आखिर क्यों चुनाव हारे पापा

                                                                        पूर्व सीएम रघुवर दास की बेटी ने कहा कि पापा बेहद ईमानदार ठहरे पार्टी और प्रदेश के लिए कर्मठ हैं। वह किसी भी कार्यकर्ताओं को गलत और अनैतिक कार्य करने ही नहीं दिए।...                                                                                       


अंशुल तिवारी, भिलाई। झारखंड में हाल ही में हुए विधान सभा चुनाव में अपनी पार्टी की सत्ता के साथ ही मुख्यमंत्री रघुवर दास खुद की सीट भी नहीं बचा सके। इसका दर्द छत्तीसगढ़ के दुर्ग तक एहसास किया गया। दुर्ग में रहने वाली पूर्व सीएम रघुवर दास की बेटी रेणु साहू की नजर दिन भर नतीजों पर बनी रही और जब दोबारा पिता को सियासी मैदान में पिछड़ता देखा तो उनके पिता की पार्टी के सत्ता में लौटने की आस भी टूट गई। पिता की हार से रेणु काफी दुखी रहीं है और दिन भर उदास अपने कमरे में बैठी रहीं। रेणु से जब उनके पिता की हार के पीछे की कमजोरियों पर चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि उनके पिता की हार के पीछे सबसे बड़ी वजह उनकी स्पष्टवादिता रही। इसके साथ ही उन्होंने रघुवर दास की कुछ अन्य कमजोरियों पर बात की जिन्हें वे पिता की हार का कारण मानती हैं।


रेणु ने कहा कि कार्यकर्ता और सरयू राय के दुष्प्रचार ने आग में घी का काम किया, जिससे पापा चुनाव हार गए। बेटी रेणु साहू और दामाद यशपाल साहू ने दैनिक जागरण के सहयोगी अखबार नईदुनिया से बातचीत की। कहा कि पापा बेहद ही स्पष्टवादी हैं। दरअसल जब मुख्यमंत्री बने, तभी से कुछ कार्यकर्ताओं की बिजनेस उम्मीद बढ़ गई थी। किसी को दारू, किसी को कोयला का ठेका तो किसी को कुछ और चाहिए था। पापा बेहद ईमानदार ठहरे, पार्टी और प्रदेश के लिए कर्मठ हैं। वह किसी भी कार्यकर्ताओं को गलत और अनैतिक कार्य करने ही नहीं दिए।                                                                                      उन्होंने तल्ख लहजे में ऐसे कार्यकर्ताओं को सीधे मना ही कर दिया। इसी वजह से उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया जाने लगा। सरयू राय द्वारा कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने वाले प्रश्न पर दामाद ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है। बगैर कार्यकर्ताओं के कुछ भी संभव नहीं है। किंतु कुछ कार्यकर्ता और सरयू राय ही शुरू से दुष्प्रचार करते रहे। बता दें कि रघुवर दास की एक बेटी और एक बेटा है। बेटी की शादी दुर्ग के यशपाल से हुई है। यशपाल एनएसपीसीएल (एनटीपीसी-सेल पावर कंपनी लिमिटेड) में डिप्टी मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। यहां पद्मनाभपुर में अपने छोटे भाई और परिजनों के साथ रहते हैं।                                कुछ लोगों को बाहरी होने से थी परेशानी                                                                                                                  रघुवर दास के दामाद यशपाल साहू कहते हैं कि पापाजी के बाहरी होने का आंतरिक विरोध भी झेलना पड़ा। उन्होंने कहा-छत्तीसगढ़ के साथ झारखंड बना। किंतु वहां काफी ज्यादा राजनीतिक अस्थिरता रही। वहां एक या दो वर्ष में नए सीएम बनने की खबरें आती थीं। कोई भी मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूर्ण नहीं कर पाया। इसके मुकाबले पापा (रघुवर दास) अपने पांच साल का कार्यकाल पूर्ण कर लिए और एक अस्थिर राज्य को स्थिर सरकार भी दिया। इसकी हमें खुशी है।                             


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