यह अत्यंत दुख की बात है कि ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ करते हुए भरतपुर के महाराजा सूरजमल जाट जैसे महान पुरूष का चित्रण 'पानीपत' फिल्म में बेहद गलत तरीके से किया गया है। मेरा मानना है कि हरियाणा, राजस्थान और उत्तर भारत के जाट समुदाय में भारी विरोध को देखते हुए इस फिल्म पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए अन्यथा देश की कानून व्यवस्था बिगड सकती है। मैं महाराजा सूरजमल जाट की 14वीं पीढी़ से हूं। वास्तविकता यह है कि पेशवा और मराठा जब पानीपत युद्ध हार कर और घायल होकर लौट रहे थे तो महाराजा सूरजमल और महारानी किशोरी ने 6 माह तक सम्पूर्ण मराठा सेना और पेशवाओं को अपने यहां पनाह दी थी। यहां तक कि खांडेराव होलकर की मृत्यु भी भरतपुर की तत्कालीन राजधानी कुम्हेर में ही हुई और आज भी वहां के गागरसोली गांव में उनकी छतरी बनी हुई है। मेरा सरकार से निवेदन है कि एक कमिटी बना दी जाए कि यदि किसी वंश या महान व्यक्ति पर अगर कोई फिल्म बनाई जाती है तो ऐसी मूवी को रिलीज करने से पहले उसके परिवारजनों और समाज से अनुमति ली जाए।
पानीपत‘ फिल्म में महाराजा सूरजमल जाट के गलत तरीके से चित्रण करने के विरोध में श्री विश्वेन्द्र सिंह, भरतपुर का स्टेटमेंट