अजमेर, 12 अपे्रल। लॉक डाउन के दौरान अजमेर जिले में बांग्लादेशी नागरिकों को शेल्टर होम में सुविधाएं दी जा रही है। बांग्लादेशी नागरिक नूर मोहम्मद पुत्र अब्दुल गफूर (68) निवासी वार्ड नम्बर एक झीउरी, अंवारा, चट्टोग्राम, बांग्लादेश तथा अब्दुर रहमान पुत्र बशरत अली (88) निवासी बोट टोली अंवारा, चट्टोग्राम बांग्लादेश को नसीराबाद रोड रेल म्यूजियम शेल्टर होम में रखा गया है। यहां उनके खाने पीने की सभी व्यवस्थाएं सुचारू की गई है। नूर मोहम्मद एक मार्च को अजमेर आया है और उसकी टूरिस्ट वीजा अवधि 19 फरवरी 2020 से 18 फरवरी 2025 तक है। इसी तरह अब्दुर रहमान भी एक मार्च को अजमेर आया उसकी वीजा अवधि भी 19 फरवरी 2020 से 18 फरवरी 2025 तक है । नियमानुसार कोई विदेशी टूरिस्ट एक बार भारत आने पर 90 दिन की अवधि तक रह सकता है। इसी तरह आज रामगंज थाना पुलिस द्वारा तीन बांग्लादेशी वे एक आसाम का, एक गुजरात का तथा एक दिल्ली का व्यक्ति सभी छह लोगों को पुलिस व चिकित्सा विभाग द्वारा जेएलएन अजमेर ले जाकर मेडिकल चेकअप किया गया । मेडिकल चेकअप के पश्चात उक्त सभी को अलवर गेट रेलवे शेल्टर होम में छोड़ा गया
सार्वजनिक स्थानों पर पीक थूकने पर लगाई रोक
अजमेर, 12 अपे्रल। कोरोना महामारी के संक्रमण एवं प्रसार को रोकने के लिए समस्त सार्वजनिक स्थानों पर पीक थूकने पर रोक लगाई गई है।
जिला कलक्टर श्री विश्व मोहन शर्मा ने बताया कि वर्तमान में कोरोना वायरस से बचाव के लिए व्यक्तिगत, पारिवारिक एवं सामाजिक स्तर पर स्वच्छता और साफ-सफाई पर ध्यान देना आवश्यक है। कई व्यक्तियों द्वारा थूक, पान या अन्य चबाये जाने वाले तम्बाकू व गैर तम्बाकू उत्पादों को खाने के बाद पीक को सार्वजनिक स्थानों पर यहां-वहां थूक दिया जाता है। इससे कोविड-19 के संक्रमण के फैलने की आशंका रहती है। इस संक्रमण को रोकने के लिए यह आवश्यक है कि आमजन की इन अस्वास्थ्यकारी आदतों पर सख्ती से प्रतिबन्ध लगाया जाए।
उन्होंने बताया कि कि महामारी की स्थिति में कोविड-19 के संक्रमण को रोकने व आमजन के स्वास्थ्य व सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए व्यापक लोक हित में राजस्थान ऎपिडेमिक डिजीजेज एक्ट, 1957 के अंतर्गत थूक व पान या अन्य चबाये जाने वाले तम्बाकू व गैर तम्बाकू उत्पादों के खाने के बाद पीक को सार्वजनिक स्थानों व संस्थानों में थूकने पर तुरन्त प्रभाव से रोक लगाई गई है। इन आदेशों की अवहेलना की स्थिति में संबंधित के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।